गेहूं देश में इस साल रबी सीजन में गेहूं (Wheat) की बुवाई के आंकड़े सुनकर किसानों के चेहरे खिल उठे हैं। सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल गेहूं की बुवाई 324.88 लाख हेक्टेयर में हुई है, जो पिछले साल के 318.33 लाख हेक्टेयर के मुकाबले अधिक है। यानी किसानों ने गेहूं (Wheat) की बढ़ती कीमतों को देखकर इसकी खेती का क्षेत्र बढ़ा दिया है। मौजूदा समय में गेहूं (Wheat) का बाजार मूल्य न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से ऊपर चल रहा है, जिससे किसानों की उम्मीदें और बढ़ गई हैं। अगर गेहूं (Wheat) की पैदावार ज्यादा होगी, तो इससे आटे की कीमतों में राहत मिलने की संभावना भी बढ़ जाएगी। सरकार का कहना है कि इस साल जलवायु और जलाशयों की स्थिति अनुकूल है, जिससे गेहूं (Wheat) और सरसों की फसल अच्छी होने की पूरी उम्मीद है।
धान की खेती में भी बढ़ोतरी, चावल खाने वालों को राहत
धान (Paddy) की बुवाई में भी इस साल इजाफा देखा गया है। इस बार 42.54 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में धान (Paddy) की खेती हुई है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 40.59 लाख हेक्टेयर था। यानी चावल खाने वालों के लिए भी यह अच्छी खबर है क्योंकि इससे चावल की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी।
दलहन और तिलहन की खेती का हाल
केवल गेहूं (Wheat) ही नहीं, बल्कि दलहन (Pulses) और तिलहन (Oilseeds) की खेती में भी इस साल तेजी देखने को मिली है। दलहन (Pulses) की खेती इस बार 140.89 लाख हेक्टेयर में की गई, जो पिछले साल के 137.80 लाख हेक्टेयर से अधिक है। इससे दाल की कीमतों में भी राहत मिलने की संभावना है। हालांकि, तिलहन (Oilseeds) की बुवाई में मामूली गिरावट आई है। इस साल तिलहन (Oilseeds) की खेती 97.47 लाख हेक्टेयर में हुई है, जबकि पिछले साल यह 99.23 लाख हेक्टेयर थी। लेकिन चिंता की बात नहीं है, क्योंकि गेहूं (Wheat) और चने की खेती में बढ़ोतरी से किसानों को इसका लाभ मिलेगा।
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सब्जियों की खेती में भी बढ़ोतरी, प्याज-आलू के दाम रहेंगे स्थिर
अब बात करें सब्जियों की तो प्याज (Onion) और आलू (Potato) की खेती में भी इस बार बढ़ोतरी हुई है। प्याज (Onion) की बुवाई 1.52 लाख हेक्टेयर ज्यादा हुई है, जबकि आलू (Potato) की खेती में 0.32 लाख हेक्टेयर की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इससे आने वाले महीनों में प्याज (Onion) और आलू (Potato) की कीमतों में अधिक उतार-चढ़ाव देखने को नहीं मिलेगा। हालांकि, टमाटर (Tomato) की बुवाई अभी सामान्य स्थिति में चल रही है। सरकार का कहना है कि अभी टमाटर (Tomato) की बुवाई का समय बाकी है और किसान इसमें और तेजी ला सकते हैं।
ग्रीष्मकालीन फसलें भी पकड़ रही हैं रफ्तार
रबी फसलों के साथ-साथ ग्रीष्मकालीन फसलें (Summer Crops) भी तेजी पकड़ रही हैं। इस बार ग्रीष्मकालीन धान (Summer Paddy) की बुवाई 14.167 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है, जो पिछले साल के मुकाबले 0.360 लाख हेक्टेयर अधिक है। इसका मतलब यह है कि चावल (Rice) की उपलब्धता में कोई दिक्कत नहीं आने वाली है। इसके अलावा प्याज (Onion), टमाटर (Tomato) और आलू (Potato) की बुवाई का समय भी बाकी है, जिससे बाजार में इनकी सप्लाई बनी रहेगी।
क्यों खुश हैं किसान?
खेती का क्षेत्र बढ़ने से किसान बेहद खुश हैं। गेहूं (Wheat) के दाम इस समय एमएसपी से ऊपर चल रहे हैं, जिसका मतलब है कि किसानों को इस बार अच्छी कमाई हो सकती है। हालांकि, एक चिंता यह भी बनी हुई है कि अगर फसल बहुत अधिक हुई, तो कहीं गेहूं (Wheat) की कीमतें गिर न जाएं। लेकिन सरकार ने किसानों को आश्वासन दिया है कि गेहूं (Wheat) और अन्य रबी फसलों की खरीद पूरी तरह सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसानों को उनके अनाज का उचित दाम मिल सके।
सरकार का तुरुप का इक्का – किसानों के लिए बेहतर अवसर
सरकार की नीतियां इस बार गेहूं (Wheat) के बढ़ते दामों को संतुलित करने के लिए किसानों के पक्ष में हैं। इस साल अनुकूल जलवायु, सही समय पर बुवाई और बेहतर सरकारी समर्थन की वजह से किसानों की पैदावार अच्छी रहने की संभावना है। गेहूं (Wheat) और अन्य फसलों की बंपर पैदावार से न केवल किसानों को सीधा फायदा मिलेगा, बल्कि आम जनता को भी सस्ती दरों पर खाद्यान्न मिल सकेगा। सरकार का कहना है कि इस बार उत्पादन में बढ़ोतरी से देश में खाद्य सुरक्षा को और मजबूती मिलेगी।
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निष्कर्ष
कुल मिलाकर, इस साल गेहूं (Wheat), धान (Paddy), दलहन (Pulses), तिलहन (Oilseeds) और सब्जियों की बंपर बुवाई हुई है। सरकार के उचित निर्णय और बाजार में बेहतर मांग से किसानों को अधिक मुनाफा मिलने की उम्मीद है। यदि सब कुछ सही रहा, तो आने वाले दिनों में गेहूं (Wheat) और अन्य कृषि उत्पादों की कीमतों में स्थिरता बनी रहेगी और देश की खाद्य आपूर्ति भी संतुलित रहेगी।