भारत सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन ढांचे को और बेहतर बनाने की दिशा में 8वें वेतन आयोग की तैयारी कर रही है। अगर यह आयोग लागू होता है, तो कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में बड़ा इजाफा देखने को मिलेगा। सूत्रों के अनुसार बताया जा रहा है कि बेसिक सैलरी सीधे ₹18,000 से बढ़कर ₹51,000 तक पहुंच सकती है।
8वां वेतन आयोग क्यों जरूरी है?
केंद्रीय कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने और उनकी सैलरी को महंगाई के हिसाब से संतुलित करने के लिए हर कुछ वर्षों में नया वेतन आयोग गठित किया जाता है। पिछला यानी 7वां वेतन आयोग 2016 में लागू किया गया था। अब 8वें वेतन आयोग की मांग तेज हो गई है और सरकार भी इसे लेकर गंभीर नजर आ रही है।
बेसिक सैलरी में कितना होगा इजाफा?
7वें वेतन आयोग में बेसिक सैलरी ₹18,000 तय की गई थी। अब 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर बढ़ाकर 2.86 या उससे अधिक करने की संभावना है, जिससे बेसिक सैलरी सीधे ₹51,000 तक जा सकती है। यानी तीन गुना ज्यादा इजाफा हो सकता है।
संभावित नया वेतन ढांचा
अगर 8वां वेतन आयोग लागू होता है, तो सरकारी कर्मचारियों की सैलरी कुछ इस प्रकार हो सकती है:
सैलरी घटक | वर्तमान सैलरी (₹18,000 बेसिक) | संभावित सैलरी (₹51,000 बेसिक) |
बेसिक सैलरी | ₹18,000 | ₹51,000 |
महंगाई भत्ता (DA) | ₹6,120 (34%) | ₹17,340 (34%) |
मकान किराया भत्ता (HRA) | ₹4,320 (24%) | ₹12,240 (24%) |
अन्य भत्ते | ₹3,000 तक | ₹8,000 तक |
कुल अनुमानित सैलरी | ₹31,000 – ₹32,000 | ₹88,000 – ₹90,000 |
किसे मिलेगा इसका फायदा?
इस वेतन आयोग का फायदा लगभग 1 करोड़ लोगों को मिलेगा, जिसमें 44 लाख केंद्र सरकार के कर्मचारी और लगभग 68 लाख पेंशनभोगी शामिल हैं। इससे इन सभी कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनके जीवनस्तर में सुधार आएगा।
किन पदों पर क्या हो सकती है सैलरी?
8वें वेतन आयोग के बाद विभिन्न पदों की संभावित बेसिक सैलरी इस प्रकार हो सकती है:
- चपरासी / लेवल-1 कर्मचारी: ₹51,000
- क्लर्क: ₹55,000 से ₹65,000
- ग्रुप B अधिकारी: ₹70,000 से ₹90,000
- सीनियर अधिकारी / लेवल-10+: ₹1 लाख +
कब से हो सकता है लागू?
अभी तक सरकार ने 8वें वेतन आयोग को लेकर कोई आधिकारिक अधिसूचना जारी नहीं की है, लेकिन खबरों के मुताबिक यह 2026 या 2027 तक लागू किया जा सकता है।
कर्मचारियों की उम्मीदें
केंद्रीय कर्मचारियों को उम्मीद है कि इस बार न केवल वेतन में इजाफा होगा, बल्कि भत्तों और पेंशन व्यवस्था में भी सकारात्मक बदलाव किए जाएंगे। इसके अलावा रिटायरमेंट के बाद मिलने वाली ग्रेच्युटी और पेंशन में भी बढ़ोतरी की उम्मीद है।